Description :
Greed, Anger and lust are the three main enemies of humans. This 'Trident' is a symbol of power to control these faults. Place this Trident at your worship place.
Trishula (Sanskrit: त्रिशूल, IAST: triśūla) is a trident, commonly used as the principal symbols in Hinduism and Buddhism. In India and Thailand, the term also often refers to a short-handled weapon which may be mounted on a danda or staff.
त्रिशूल का परिचय
त्रिशूल शब्द, त्रिशूल के संयोग से बना है, जिसमें त्रि का मतलब तीन व शूल का अर्थ विकार है। अर्थात् विकार को दूर करने वाला। काम, क्रोध और लोभ मानव जीवन के तीन शूल हैं। त्रिशूल इन तीनों विकारों पर अंकुश का प्रतीक है।
भारतीय संस्कृति में त्रिशूल को एक पवित्रतम चिन्ह के रूप में अनन्य महत्व प्राप्त है। भवन निर्माण के शुरू में ही नींव रखते समय भूमि में रत्नों, पिरामिडों, स्वास्तिक व त्रिशूल आदि की चारों दिशाओं में स्थापना विधिवत् पूजन आदि सहित करना चाहिए।
पिरामिड का परिचय
ग्रीक भाषा में पायरा का अर्थ, ‘अग्नि’ तथा मिड का अर्थ ‘केन्द्र’ होता है। पिरामिड आकृति ऊर्जा को ग्रहण कर उसे कई गुना शक्तिशाली व हितकारी रूप में बदल देती है, जिससे इसके भीतर तथा इसके चारों ओर ब्रह्माण्डिय ऊर्जा का घनत्व बढ़ जाता है तथा यह अपने भीतर व आस-पास उपस्थित सजीव व निर्जीव वस्तुओं पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। पिरामिड सूर्य, पृथ्वी व चन्द्रमा के ऊर्जा चक्र के बीच एक उपकरण का कार्य करता है।
त्रिशूल पिरामिड की बनावट
भारतीय संस्कृति के अनुसार बने लाल रंग के त्रिशूल पर 9 पिरामिड बनाये गये हैं। लगाने की सुविधा के लिए पीछे लगी टेप पर से स्टीकर (पेपर) हटाकर दीवार, गेट या वास्तु दोष युक्त स्थान पर चिपका देवें। इसे भारतीय ज्योतिष के अनुसार बनाया गया है।
त्रिशूल के ऊपर 9 पिरामिडों को बनाकर उसे और अधिक शक्तिशाली व ऊर्जावान बनाया गया है। त्रिशूल व पिरामिड शक्ति से उर्जित यह त्रिशूल पिरामिड निःसंदेह आपके घर को वास्तु दोषों से मुक्त रखेगा।
• त्रिशूल पिरामिड रखने के लाभ
• वास्तु दोष दूर करने का महायंत्रा।
• चिन्ता, तनाव से मुक्ति।
• ग्रह शांति में लाभदायक।
• धन वृद्धि में सहायक।